नई संसद का नाम डॉ आंबेडकर संसद भवन कराना हमारा लक्ष्य है: उदित राज



१. नई संसद का नाम डॉ अम्बेडकर संसद भवन करने के लिए दिल्ली में जुटे दलित- पिछड़े नेता
२. नई संसद का नाम डॉ आंबेडकर संसद भवन कराना हमारा लक्ष्य है: उदित राज
३. बाबा साहेब के नाम से ही नई संसद भवन का नाम होना चाहिए, गोलमेज सम्मलेन में बोले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी
४. नई संसद के नामकरण के लिए दलित –पिछड़े सांसदों- पूर्व सांसदों का दिल्ली में जुटान

अनुसूचित जाति/जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ. उदित राज (पूर्व सांसद) ने मांग की है कि नई संसद भवन का नाम डॉ बी. आर. अंबेडकर के नाम पर रखा जाए। उक्त मांग डॉ राज ने दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक दिवसीय गोल मेज सम्मलेन में रखी |

मौके पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि संसद भवन का नाम रखने के लिए बाबा साहेब आंबेडकर से ज्यादा उपयुक्त कोई नही है| नामकरण के लिए हमारी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा पूरे बिहार में सिलसिलेवार तरीके से आन्दोलन करेगी| इसकी शुरुआत 12 फरवरी की पदयात्रा से की जाएगी | पदयात्रा के माध्यम से बिहार की जनता को इस मुहीम से जोड़ा जायेगा |निकट भविष्य में हम इस मांग के समर्थन में दिल्ली में बड़ा कार्यक्रम करेंगे |

डॉ उदित राज ने आगे कहा कि न्यू विस्टा प्रोजेक्ट 2020 में लॉन्च किया गया था और नई पार्लियामेंट बिल्डिंग बन रही है, जो पूरी होने वाली है। अनुसूचित जाति/जनजाति परिसंघ इस मांग को उठाने वाला पहला संगठन है। डॉ अंबेडकर हमारे मसीहा हैं। 10 दिसंबर 2020 को जब कोविड चरम पर था, उस समय इस मांग को लेकर दिल्ली में एक विशाल प्रदर्शन आयोजित किया गया था। जब लोग घरों से बाहर निकलने से डरते थे और लॉक डाउन सख्ती से लगाया गया था, उस समय हमारे साथ बाबा साहेब के सैकड़ों अनुयायियों ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया था क्योंकि यह मांग हमारे मुक्तिदाता- बाबा साहेब डॉ बी आर अम्बेडकर की गरिमा से जुड़ा है।

हम तेलंगाना की टीआरएस सरकार की सराहना करते हैं कि उसने नई संसद भवन का नाम डॉ बी आर अंबेडकर के नाम पर रखने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया। तेलंगाना विधानसभा के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पारित किया लेकिन भाजपा अनुपस्थित रही। विपक्ष के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने सदन में मांग उठाई और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामाराव ने प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव तर्क और आधार के साथ था क्योंकि डॉ बी आर अम्बेडकर ही हैं जो इसके लिए सबसे योग्य हैं, जिन्होंने संविधान को जन्म दिया और सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री धन्यवाद के पात्र हैं, जिनके बिना यह संभव नहीं हो सकता था।

डॉ उदित राज ने कहा कि तेलंगाना एससी/एसटी परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेश्वर राज जी ने तेलंगाना राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए अथक संघर्ष करके यह काम कराया। उन्होंने संसद के सभी सदस्यों से इस संबंध में अपील की है लेकिन अभी तक किसी से भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है डॉ उदित राज ने आगे कहा कि मोदी सरकार नाम बदलने और स्थानों और स्मारकों के नाम बदलने के लिए जानी जाती है। इसने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान, इलाहाबाद का नाम प्रयाग राज, फैजाबाद का नाम अयोध्या, अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ और मुगलसराय का नाम दीन दयाल उपाध्याय कर दिया है, इसलिए इस नए संसद भवन का नाम डॉ बी आर अंबेडकर के नाम पर रखने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए|

कार्यक्रम में मौजूद थे |
1. डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद राष्ट्रीय चेयरमैन, अनुसूचित जाति / जन जाति परिसंघ एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस
2. जीतन राम माँझी पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार एवं संस्थापक हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)
3. श्री भक्त चरणदास, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं इंचार्ज बिहार, मणिपुर एवं मिज़ोरम कांग्रेस
4. श्री अमित जोगी, अध्यक्ष जे सी सी जे, छत्तीसगढ़
5. कुमारी सैलजा, महासचिव, कांग्रेस
6. श्री मोहिंदर सिंह केपी, पूर्व सांसद, कांग्रेस
7. श्री मोहन सिंह फलियावाला, पूर्व सांसद, कांग्रेस
8. श्री राम नारायण मीणा MLA राजस्थान एवं पूर्व सांसद, कांग्रेस
9. श्री तरसेम सिंह सियालका, पूर्व सदस्य, अनुसूचित जाति आयोग
10. श्री ओमप्रकाश सागर, राष्ट्रीय लोकदल
11. श्री राम कुमार प्रजापति, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी
12. श्री गुगान सिंह रंगा पूर्व MLA BSP.
13. श्रीमती महुआ माजी , राज्यसभा सांसद, झारखंड मुक्ति मोर्चा
14. श्री प्रफुल्ल कुमार माँझी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा

डॉ ओम सुधा
8789325595