इस समय देश में ईवीएम के विरोध में भयंकर माहौल है। उसी के कारण ईवीएम हटाओ मोर्चा का गठन हुआ। हमारा नारा है, “मेरी पर्ची – मेरे हाथ”। इस महत्त्वपूर्ण विषय पर आज गांधी पीस फाउंडेशन, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली पर दलित, ओबीसी, पिछड़े, एडवोकेट, एनजीओ, किसानों और नौजवानों की एक बड़ी गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अब पूरी ताकत से एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट का घेराव किया जाए। किसान नेताओं सहित सभी ने कहा कि इससे पहले पूरे देश के जिला मुख्यालयों पर एक साथ ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन हो और एक देशव्यापी माहौल बनाया जाए। नेताओं ने यह भी कहा की जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए ईवीएम की डमी को तोड़कर या जलाकर अपना रोष व्यक्त किया जाए।
देश इस समय अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है। किसान आंदोलन का बहाना करके दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है और दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर बंद हालों में भी कार्यक्रम करने से रोकने का प्रयास कर रही है। ईवीएम हटाओ मोर्चा द्वारा गैर सरकारी संगठनों, इंडिया गठबंधन, सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, किसान संगठनों और देश के नागरिकों के मंच की ओर से गत 22 फरवरी को जंतर मंतर, नई दिल्ली पर विशाल सभा का आयोजन किया गया था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी भी अनुमति रद्द कर दी थी तो यूथ कांग्रेस के कार्यालय पर एकत्रित होकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया गया था। हमारे हजारों साथियों को सांसद मार्ग, तुगलक रोड, राजेन्द्र नगर और इन्द्रपुरी थानों में देर रात तक रखा गया। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव के मामले में हुई गड़बड़ी पर ऐतिहासिक फैसला दिया। अगर वहाँ के मेयर का बैलेट पेपर से चुनाव न हुआ होता तो यह धांधली पकड़ी ही नहीं जा सकती थी। आम लोगों में विश्वास हो गया है कि भाजपा धांधली से चुनाव जीत रही है और ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से धांधली करना बहुत ही आसान है, जिसको पकड़ना बहुत ही असंभव है। 12 मार्च तक इसलिए जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन पर रोक लगी है ताकि भाजपा सरकार द्वारा ईवीएम के दुरुपयोग का भंडाफोड़ और भृष्टचार, महंगाई व बेरोजगारी के खिलाफ आवाज न उठे और किसान आंदोलन न हो सके। संभव है कि 12 मार्च तक चुनाव आचार संहिता की घोषणा हो जाए और तब तक दिल्ली की राजधानी में आंदोलन न हो। भाजपा सरकार यह भी बहाना बना रही है कि अन्य धरना-प्रदर्शन पर भी तो रोक लगी है लेकिन मुख्य कारण ईवीएम विरोधी आंदोलन को रोकना है।
आज के इस कार्यक्रम को मुख्य रूप से दीपक बाबरिया, कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और प्रभारी दिल्ली और हरियाणा, डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद, संयोजक - ईवीएम हटाओ मोर्चा, अरविंदर सिंह लवली, अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी, राजकुमार सैनी, पूर्व सांसद, राजेन्द्र पाल गौतम, पूर्व मंत्री, दिल्ली सरकार, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, भानु प्रताप, वरिष्ठ अधिवक्ता, प्रोफेसर आनंद कुमार, नागमणि कुशवाहा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री, एडीआर से जगदीप कोचर आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में दलित, ओबीसी, पिछड़े, एडवोकेट, एनजीओ और नौजवानों का नेत्रत्व करने वाले संगठनों व नेताओं ने भाग लिया।
सी. एल. मौर्य
निजी सचिव, माननीय डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद
संयोजक, ईवीएम हटाओ मोर्चा
9899766882